राज्यपाल की टिप्पणी सरकार की निष्क्रियता का प्रमाण-- महेंद्र धर्मानी
घुमारवीं।
संस्कार सोसायटी घुमारवीं के संस्थापक महेन्द्र धर्मानी ने हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच दिन-प्रतिदिन बढ़ते चिट्टा के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के भविष्य के लिए एक अत्यंत गंभीर और चिंताजनक स्थिति है, जिस पर सरकार का रवैया बेहद उदासीन है।
धर्मानी ने बीते दिन प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा व्यक्त की गई चिंता का समर्थन करते हुए कहा कि राज्यपाल की यह टिप्पणी कि सरकार इस गंभीर समस्या को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है, वर्तमान सरकार की निष्क्रियता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जिस प्रकार से नशा मुक्ति केन्द्रों की बदहाल स्थिति और चिट्टा तस्करी में पकड़े गए आरोपियों के जल्दी छूटने पर सवाल उठाए हैं, वह सीधे तौर पर सरकार की लचर कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में आए दिन चिट्टे के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से न तो कोई ठोस कार्रवाई हो रही है और न ही कोई स्पष्ट रणनीति नजर आ रही है। इसके चलते ड्रग पेडलरों के हौसले बुलंद हो गए हैं और प्रदेश का युवा वर्ग तेजी से नशे की गर्त में फंसता जा रहा है।
धर्मानी ने कहा कि युवाओं में बेरोजगारी पहले से ही चरम पर है, और अब नशे की बढ़ती लत उनके भविष्य को और भी अंधकारमय बना रही है। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने जल्द कोई सख्त और ठोस कदम नहीं उठाए, तो वह दिन दूर नहीं जब हर घर इससे प्रभावित होगा।
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नशा विरोधी अभियान चलाए, नशा माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और नशा मुक्ति केन्द्रों की दशा सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए। धर्मानी ने कहा कि संस्कार सोसायटी प्रदेश के युवाओं के भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस लड़ाई लोगों का सहयोग से निर्णायक मोड़ तक ले जाएगी।