मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की सफल कहानी: घुमारवीं के अजय कुमार बने आत्मनिर्भरता की मिसाल
बिलासपुर, 5 जुलाई।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के माध्यम से आर्थिक संबल पाकर आत्मनिर्भर बने घुमारवीं निवासी अजय कुमार आज प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत अजय कुमार को दो लाख रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिसकी बदौलत उन्होंने अपने क्षेत्र में एक आधुनिक डेंटल लैब की स्थापना की। यह डेंटल लैब न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रगति का प्रतीक है, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज अजय कुमार की डेंटल लैब का दौरा किया और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना प्रदेश सरकार की संवेदनशील और सशक्त पहल है, जो आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को नया जीवन देने का कार्य कर रही है। अजय कुमार जैसे युवाओं की कहानियां इस बात का प्रमाण हैं कि जब सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू होती हैं, तो उनके परिणाम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।
मंत्री धर्माणी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आजीविका जैसे अनेक पहलुओं को समाहित करती है, ताकि लाभार्थियों को समग्र सहयोग मिल सके। उन्होंने कहा कि यह योजना उन युवाओं के लिए एक मजबूत आधार बन रही है जो विषम परिस्थितियों के बावजूद कुछ कर गुजरने का जज्बा रखते हैं।
इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे। मंत्री धर्माणी ने अजय कुमार को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार हर जरूरतमंद व्यक्ति के साथ खड़ी है और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सामाजिक सुरक्षा और मानव कल्याण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श स्थापित कर रहा है।