Agniveer Naveen Kumar: मां, अबकी बार छुट्टी में आऊंगा..तो मेरे लिए लड़की देख लेना...लेकिन किस्मत को था कुछ और ही मंजूर
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Agniveer Naveen Kumar: मां, अबकी बार छुट्टी में आऊंगा..तो मेरे लिए लड़की देख लेना...लेकिन किस्मत को था कुछ और ही मंजूर

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Agniveer Naveen Kumar: मां, अबकी बार छुट्टी में आऊंगा..तो मेरे लिए लड़की देख लेना...लेकिन किस्मत को था कुछ और ही मंजूर

कारगिल के द्रास सेक्टर में हुए भूस्खलन में जान गंवाने वाले अग्निवीर जवान नवीन कुमार की कहानी सुनकर पूरा देश भावुक है। नवीन, हिमाचल प्रदेश के थुरल पंचायत के हलूं गांव के रहने वाले थे। अगस्त 2024 में ड्यूटी पर जाते समय उन्होंने अपनी मां अजुध्या देवी से कहा था, "मां, अबकी बार छुट्टी में आऊंगा तो मेरे लिए लड़की देख लेना... शादी की तारीख पक्की कर लेना, अकेली रहती हो घर में।" उनकी यह बात उनकी मां के कानों में आज भी गूंज रही है।

छुट्टी का इंतजार और नियति का खेल

नवीन ने अपनी मां से सितंबर 2025 में छुट्टी लेकर घर आने का वादा किया था। उनका सपना था कि वह घर आकर शादी करेंगे और अपनी मां का सहारा बनेंगे। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। देश सेवा करते हुए इस होनहार बेटे ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनके परिवार और गांव के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

नवीन कुमार के चाचा अशोक कुमार ने बताया कि नवीन के जाने के बाद घर में अब सिर्फ उनकी मां अजुध्या देवी, दादा भूमि राम और दादी चंपा देवी ही बचे हैं। नवीन के पिता राजमल, जो खुद भारतीय सेना में 13 जैक में हवलदार थे, पांच साल पहले ही दुनिया छोड़ गए थे। नवीन की बहन शिवानी की शादी हो चुकी है। नवीन की बेसुध मां की आंखें आज भी रास्ते पर टिकी हैं कि उनका लाल कब लंबी छुट्टी लेकर आएगा। बहनोई मुनीष कुमार ने बताया कि नवीन सितंबर 2025 में छुट्टी पर घर आने वाले थे और शादी के लिए लड़की देखने जाने की तैयारी थी।

हलूं गांव में मातम

थुरल के हलूं गांव में इस समय मातम का माहौल है। हर कोई स्तब्ध है कि जिस बेटे ने घर में खुशियों की बात की थी, वह अब तिरंगे में लिपटा हुआ आएगा। यह किसी ने सोचा भी नहीं था। स्थानीय विधायक विपिन परमार, कृषि बैंक के चेयरमैन संजय सिंह चौहान, पंचायत प्रधान वंदना कायस्थ, जिला पार्षद राजेश धीमान और पुलिस चौकी प्रभारी सुनील कुमार ने नवीन के परिवार से मिलकर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं और दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। नवीन कुमार ने देश के लिए जो बलिदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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