5 अप्रैल से शुरू होगा राज्य स्तरीय ग्रीष्मोत्सव मेला - उपमंडलाधिकारी गौरव चौधरी
घुमारवीं में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय ग्रीष्मोत्सव मेले को लेकर उपमंडलाधिकारी गौरव चौधरी ने आज प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि यह भव्य मेला 5 अप्रैल से शुरू होगा, जिसकी शुरुआत शिव मंदिर घुमारवीं से शोभायात्रा के साथ की जाएगी। इस शोभायात्रा में महिला मंडल, सांस्कृतिक दल और स्थानीय लोग भाग लेंगे और यह यात्रा मेला ग्राउंड तक पहुंचेगी। शोभायात्रा के बाद मेला ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें पारंपरिक लोक नृत्य, गायन प्रस्तुत किए जाएंगे।
मेले के आयोजन से एक दिन पूर्व 4 अप्रैल को पशु मेले का आयोजन किया जाएगा। इस पशु मेले में प्रदेशभर से पशुपालक भाग लेंगे और अपनी उत्तम नस्ल के पशुओं का प्रदर्शन करेंगे। पशु मेले के दौरान दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार और पशुपालन से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर बेहतरीन नस्ल के पशुओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा, जिससे पशुपालकों को प्रोत्साहन मिलेगा और पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा।
मेले के दौरान विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी विभागों द्वारा प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा, जिनके माध्यम से जनता को विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, मेले में बेबी शो, बुजुर्ग शो और डॉग शो जैसी विशेष प्रतियोगिताएँ भी होंगी, जिनमें बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कई रोमांचक खेल आयोजनों की योजना बनाई गई है।
मेले के आकर्षणों में से एक संस्कृतिक संध्या होगी, जो 6 अप्रैल से 9 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी। खासतौर पर 6 अप्रैल की संध्या को "नशा मुक्ति" पर केंद्रित किया गया है, जिसमें नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। यह आयोजन युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करेगा और समाज में सकारात्मक संदेश देगा।
मेले में पारंपरिक खेलों को भी बढ़ावा दिया जाएगा और कुश्ती प्रतियोगिता इसका मुख्य आकर्षण होगी। खास बात यह है कि इस कुश्ती प्रतियोगिता में महिला पहलवान भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और खेलों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा।
उपमंडल अधिकारी गौरव चौधरी ने बताया कि यह मेला केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा और जागरूकता का संगम होगा। उन्होंने स्थानीय लोगों से इस मेले में अधिक से अधिक भाग लेने और इसे सफल बनाने में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे मेले हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम होते हैं और इन्हें पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाना चाहिए। इस राज्य स्तरीय ग्रीष्मोत्सव मेले का आयोजन 5 अप्रैल से 9 अप्रैल तक किया जाएगा, जिसमें हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ खास होगा।