निरन्तर जारी रहेगा संस्कार संस्था द्वारा जारी घुमारवीं अंगेस्ट चिट्टा अभियान
घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा अभियान को एक वर्ष हुआ पूरा
-संस्था ने सर्वेक्षण में पाया 45.32 प्रतिशत पैसे के लालच में चिट्टा बेचने वालों को मानते जिम्मेदार
घुमारवीं
संस्कार संस्था द्वारा शुरू किया गया घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा अभियान निरन्तर जारी रहेगा। घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा अभियान शुरू हुए एक वर्ष पूरा हो गया है।
समाज में इस अभियान के प्रभाव को देखते हुए संस्था ने निर्णय लिया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
संस्कार संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा जागरूकता अभियान की शुरुआत संस्था द्वारा अक्तूबर 2023 में कई गई थी । एक वर्ष के कार्यकाल में संस्था ने विभिन्न कार्यक्रमों व माध्यमों से इस अभियान को जनता और युवाओं के बीच में ले जाने की एक सार्थक पहल की है। घुमारवीं की 40 पंचायतों के प्रतिनिधियों से पत्र व व्यक्तिगत संपर्क से चर्चा करने के उपरांत 24 पंचायतों के 30 स्थानों पर बड़ी व छोटी बैठकें आयोजित की गई। इसके अतिरिक्त 20 शिक्षण संस्थानों में जाकर जागरूकता का कार्यक्रम किया गया। स्कूली बच्चों के लिए उपमंडल स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिता करवाया गया। इस प्रकार के विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से घुमारवीं में 8000 लोगों से प्रत्यक्ष संवाद व संपर्क करने का काम किया गया।
इस अभियान का विशेष महत्वपूर्ण कार्यक्रम छात्र छात्रों का एक सर्वेक्षण रहा। संस्था ने 17 प्रश्नों के माध्यम से विभिन्न शिक्षण संस्थानों में नशे के बारे में जानना चाहा। 15 जनवरी से 28 फरवरी तक चले इस सर्वेक्षण अभियान में लगभग 1500 छात्र व युवा सहभागी हुए। संस्था इस सर्वेक्षण के माध्यम से बच्चों के मनोविज्ञान को समझकर व उनके सुझावों के अनुरूप जागरूकता की आगामी गतिविधियों आयोजित करने का प्रयास करेगी। इस सर्वेक्षण का अध्ययन व विश्लेषण करने के उपरांत जो प्रमुख बिंदु उभरकर आये है वो हम सबको चिंतित व परेशान करने वाले है।
इस सर्वेक्षण में 20 प्रतिशत युवा राजनीतिक संरक्षण, 14 प्रतिशत पुलिस संरक्षण, 45.32 प्रतिशत पैसे के लालच में चिट्टा बेचने वालों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। 14 प्रतिशत युवा ये मानते है कि विभिन्न नशों में प्रयोग करने के लिये लोग चिट्टा का प्रयोग करते है। 54 प्रतिशत ने ये माना कि नशे का प्रयोग स्कूल व घर से बाहर किसी समारोह आदि में करते है । 20 प्रतिशत लोगों का ये भी मानना है कि उनके आसपास ये नशा बेचा जाता है । 65 प्रतिशत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उन्होंने पहली बार 15 से 18 वर्ष की आयु में किसी न किसी नशे का प्रयोग कर लिया था । 49 प्रतिशत युवा ये मानते है कि सख्त कानून से चिट्टा के बढ़ते प्रयोग को रोका जा सकता है । सामाजिक जागरूकता और परामर्श के माध्यम से 30 प्रतिशत युवा इस बुराई में से निकलने को सार्थक मानते हैं।
इस सर्वेक्षण में आये सुझावों के अनुरूप संस्कार सोसाइटी आगामी वर्ष की गतिविधियां करने के लिए रूपरेखा तैयार करेगी तथा समाज के सभी वर्गों के सहयोग से अगले वर्ष इस अभियान को तेजी से चलेगी। इस दौरान घुमारवीं पंचायत के उप प्रधान किशोरी लाल शर्मा, सुनील शर्मा, बांके बिहारी, बाबू लाल धर्माणी,डॉ सुनील चंदेल आदि उपस्तिथ रहे।