नाबालिग लड़की को घर से भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप सिद्ध होने पर दोषी को कोर्ट ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दोषी को 11000 रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर 2 वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक पोक्सो कोर्ट अनिल शर्मा की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। मामले की पैरवी कर रहीं विशेष जिला न्यायवादी राजरानी और अतिरिक्त जिला न्यायवादी अजय ठाकुर ने बताया कि 23 अप्रैल, 2022 को पीड़िता के पिता ने पुलिस चौकी सदवां में दर्ज करवाई शिकायत में बताया कि उसकी बेटी 4 अप्रैल, 2022 दोपहर को बैंक सदवां में अपना एटीएम कार्ड बंद करवाने गई थी। उसके बाद वह घर वापस नहीं आई। परिजनों ने रिश्तेदारों और अन्य स्थानों पर ढूंढा लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका।
इसी बीच पता चला कि झियोल के रहने वाले एक लड़के ज्योति से पीड़िता की बात होती थी। 18 अप्रैल, 2022 को पीड़िता ने फोन पर अपने पिता को बताया कि वह उसकी चिंता न करें और वह ज्योति के साथ चंडीगढ़ में है। उसके बाद वह फोन नंबर बंद हो गया। पीड़िता के पिता ने बताया कि ज्योति नाम का लड़का पीड़िता को बहला-फुसला कर शादी की नीयत से भगाकर ले गया है। शिकायत के बाद जांच के दौरान 5 मई, 2022 को पुलिस पीड़िता के माता-पिता सहित आरोपी ज्योति प्रकाश के मकान की तलाशी लेने गई तो पीड़िता आरोपी ज्योति के मकान से बरामद हुई। मामले में जांच के बाद कोर्ट पहुंचे मामले में 20 गवाहों को पेश किया गया, जिनके बयानों के आधार पर आरोपी को दोष सिद्ध होने पर उक्त सजा सुनाई गई।