दूसरे चरण की परीक्षा में मिनर्वा स्कूल में दाखिले के लिए 500 बच्चों ने दिया एंट्रेंस टेस्ट
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दूसरे चरण की परीक्षा में मिनर्वा स्कूल में दाखिले के लिए 500 बच्चों ने दिया एंट्रेंस टेस्ट

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दूसरे चरण की परीक्षा में मिनर्वा स्कूल में दाखिले के लिए 500 बच्चों ने दिया एंट्रेंस टेस्ट

परीक्षा में किसी कारणवश भाग न लेने वाले स्टूडेंट्स 3 अप्रैल को भी दे सकते हैं एंट्रेन्स


घुमारवीं

मिनर्वा सीनियर सेकेंडरी स्कूल घुमारवीं में आयोजित दूसरे चरण के एंट्रेन्स एग्जाम में 500 बच्चों ने भाग लिया। रविवार को आयोजित एंट्रेंस टेस्ट में हिमाचल के हर जिले से बच्चे एंट्रेंस टेस्ट देने पहुंचे थे। 
जानकारी देते हुए पाठशाला के प्रधानाचार्य प्रवेश चंदेल ने बताया कि दूसरे चरण की परीक्षा में पहली से आठवीं कक्षा तक 150, 9वीं और दसवीं कक्षा के लिए 120 बच्चों ने एंट्रेन्स टेस्ट दिया, वहीं जमा एक व जमा दो की कक्षाओं के लिए 230 बच्चों ने एंट्रेंस टेस्ट दिया। एंट्रेंस टेस्ट का रिजल्ट 1 अप्रैल को स्कूल की वेबसाइट पर डाला जाएगा। परीक्षा में मैरिट के आधार पर ही प्रवेश मिलेगा। चंदेल ने बताया कि जो बच्चा किसी कारणवश परीक्षा में भाग नहीं ले सका उनके लिए एक अवसर और दिया जा रहा है। 3 अप्रैल को भी एंट्रेन्स टेस्ट रखा गया है। उन्होंने सभी बच्चों को बधाई दी जिन्होंने एंट्रेन्स टेस्ट में भाग लिया और उम्मीद जताई कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस परीक्षा को उतीर्ण करेंगे। उन्होंने बताया कि जो बच्चे इस परीक्षा में उतीर्ण होंगे वह 6 अप्रैल तक अपना एडमिशन स्कूल में करवा लें।


 12 अप्रैल से नए सेशन की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। परवेश चंदेल ने बताया कि एंट्रेन्स टेस्ट में दूसरी कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा 25 अंकों की रखी गई थी। जबकि छठी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा 35, जमा एक की परीक्षा में 60 तथा जमा दो की परीक्षा में 45 अंकों के प्रश्न थे। एंट्रेंस टेस्ट में मैथ, साइंस, हिंदी व अंग्रेजी व्याकरण जबकि जमा दो कक्षा के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा मैथ व बायो में किसी एक विषय से संबंधित प्रश्न पूछे गए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बच्चों के अभिभावकों ने मिनर्वा संस्थान पर विश्वास बनाये रखा है उसके लिए सारा मिर्नवा परिवार दिन रात मेहनत से बच्चों के उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए बचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार पहली कक्षा में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को भी स्कूल में दाखिल देने का प्रावधान किया गया है।
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