हजारों आउटसोर्स कर्मचारी अपनी रोजी-रोटी और भविष्य को लेकर चिंतित : धर्माणी
घुमारवीं
5 सालों में 5 लाख नौकरियां की गारंटी देने वाली कांग्रेस के राज में प्रदेश के हजारों कर्मचारी आज सड़कों पर अपनी रोजी-रोटी और भविष्य की चिंता को लेकर आंदोलन रत हैं । भाजपा प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने कहा की आज आउटसोर्स कर्मचारी एसएमसी अध्यापक, कोरोना वारियर, जिला परिषद के कर्मचारी और आउटसोर्स पर विभिन्न भागों में लगे हुए कर्मचारी सरकार के व्यवहार से परेशान होकर और अपने असुरक्षित भविष्य को लेकर सरकार के पास लगातार गुहार लगा रहे हैं लेकिन सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा कर रही है ।
महेंद्र धर्मानी ने कहा कि एसएमसी अध्यापक जिसमें महिला अध्यापक भी हैं पिछले कल से शिमला में धरने पर बैठे हैं और प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन अब शाम होते भी उनको मिलने का समय नहीं दिया गया । ये अध्यापक दूर दराज के शिक्षण संस्थानों में सेवाएं देखकर के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं । उनके प्रति सरकार का यह असवेदनहीन व्यवहार नींद है । आज जिला परिषद के कर्मचारी जो आंदोलन रत हैं । चुनावो से पहले कांग्रेस के नेताओं ने इनको प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद पक्का करने और ठोस नीति बनाने का आश्वासन दिया था लेकिन महीनों से आंदोलन कर रहे इन कर्मचारियों की शुद्ध आज तक सरकार ने नहीं ली है ।
आज कोरोना वारियर जो कॉविड के संकट काल में जिन्होंने अपने जीवन को दांव पर लगाकर के प्रदेश के लाखों लोगों की जान बचाई है वह आज रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और पिछले कई महीनो से उनको वेतन तक नहीं दिया है । शिमला आईजीएमसी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करके उनको सड़क पर खड़ा कर दिया है । जो आज अपने कई वर्ष सेवाएं देने के बाद फिर से बेरोजगार हो गए हैं । भारतीय जनता पार्टी की सरकार से यह मांग है कि प्रदेश सरकार इन कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इनके बारे में कोई ठोस नीति बनाई और उनकी सेवाओं को नियमित करके जारी रखें ।
महेंद्र धर्मानी ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश में बेरोजगारों को हर साल एक लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई है । लेकिन सरकार आज कर्मचारी और युवाओं के साथ खिलवाड़ करने पर आमदा है । उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि एसएमसी अध्यापक, कोरोना वारियर, जिला परिषद कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपना कर उनकी समस्याओं का हल करें ।