उजड़े परिवारों का पुनर्वास करे सरकार, मकान बनाने को दें जमीन
-घुमारवीं में बोले पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग,कहा, एक लाख की घोषणा और मिल रहे 50 हजार
घुमारवीं।
पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश से जान माल का नुकसान हुआ है। कई मकान गिर गये हैं, तो कई मकानों में दरारें आ गई है। कई घर रहने के लायक नहीं है, कई घर हवा में लटके हैं, चारों ओर से पहाड़ी धंस गई है और घर बनाने के लिए जमीन नहीं है। ऐसे परिवारों को प्रदेश सरकार उनके घरों के समीप 2 से 3 बिस्वा जमीन उपलब्ध करवाये तथा आशियाना बनाने में भी मदद करे। उन्होंने कहा कि घुमारवीं चुनाव क्षेत्र में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर भारी भू स्खलन होने तथा छोटी -छोटी पहाड़ियां दरक गई है। ऐसे स्थानों से लोग घरों से निकलकर राहत शिविरों या फिर रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि जहां पर पहाड़ियां दरक रही है। उनका राष्ट्रीय एजेंसियों से सर्वा करवाया जाये। जहां पर जमीन घर रहने लायक नहीं, और उन लोगों के पास मकान बनाने को कोई अन्य जमीन नहीं। ऐसे परिवारों को चिन्हित कर उन्हें पुनर्वास के जमीन उपलब्ध करवाई जाए।
गर्ग ने बताया अगस्त 2019 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र की कसारू पंचायत के गाँव कठलग में भारी लैण्ड स्लाइड हुआ था। जिससे 7 परिवार बेघर हो गये थे। उस समय उन्होंने विस्थापित परिवारों के पुनर्वास को विधानसभा में आवाज उठाई थी। तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 3-3 बिस्वा जमीन उपलब्ध करवाई थी। इसके बाद लोगों की सहायता व सरकार के सहयोग से उनका पुनर्वास किया गया। उन्होंने मांग की कि इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करे।
गर्ग ने कहा कि आपदा के समय कांग्रेस सरकार को प्रभावितों का परिहास नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आपदा से प्रभावित मकानों की सुरक्षा के लिए दीवार लगाने के लिए एक लाख रुपये की घोषणा की थी। जबकि अधिकारी अब 50 हज़ार रुपये देने की ही बात कर रहे हैं। जोकि न्याय संगत नहीं है। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेश ठाकुर व मीडिया प्रभारी महेंद्र पाल रतवान मौजूद रहे।
सरकार के प्रबंधन पर उठाये सवाल : पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग ने आपदा पीड़ितों के लिए किये गये प्रबंधन पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि घुमारवीं की कोठी पंचायत में पीड़ित परिवारों के लिए लगाया गया राहत शिविर में सुविधाओं का अभाव है। कोठी स्कूल में 13 परिवारों के 54 लोग ठहरे हुए हैं। लेकिन, उन्हें बिजली की पूरी सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर अभी तक पीने के पानी की बहाली नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अभी तक कई प्रभावित लोगों को फौरी राहत तक नहीं मिली है।