Success Story: मनरेगा की दिहाड़ी से भरी बेटी की फीस, बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर
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Success Story: मनरेगा की दिहाड़ी से भरी बेटी की फीस, बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर

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Success Story: मनरेगा की दिहाड़ी से भरी बेटी की फीस, बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर

मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर पैसे एकत्र कर बेटी की फीस भर सेवानिवृत फौजी ने बेटी को मेहनत करने की सीख दी। ग्राम पंचायत सिहुंता के लाल सिंह सेना से सेवानिवृत्त है। पारिवारिक हालत लगभग अच्छी है लेकिन पिता ने बेटी को मेहनत का सबक सिखाने के लिए मनरेगा में दिहाड़ी लगाई और वहां से कमाए पैसों से बेटी की पढ़ाई करवाई। लाल सिंह का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ अपने बच्चों को मेहनत करना सिखाना है।

कोई काम छोटा नहीं होता है।हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के कामला गांव की बेटी ने भी पिता की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया। दीक्षा कपूर ने हाल ही में पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से करवाई गई असिस्टेंट प्रोफेसर (भूगोल) की परीक्षा पास कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दीक्षा ने मैट्रिक की पढ़ाई ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल सिहुंता से और बारहवीं की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिहुंता से पूरी की।


इसके बाद बीए जियोग्राफी की पढ़ाई धर्मशाला कॉलेज से की। उन्होंने एमएससी जियोग्राफी और एमफिल की पढ़ाई प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से की और वर्तमान में पीएचडी की पढ़ाई भी प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से जारी है।उनके तीन शोधपत्र राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। बेटी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को दिया है

उनके पिता लाल सिंह सेना से सेवानिवृत हैं और माता अंजू बाला गृहिणी है। दीक्षा का कहना है कि गुरुजनों डॉ. बीआर ठाकुर, प्रो. डीडी शर्मा, डॉ. अनुराग शर्मा, डॉ. राम लाल, डॉ. सीमा चौधरी, प्रो. बीएस मढ़, डॉ. पीडी भारद्वाज, दीपक सिंह और डॉ. निकेश शर्मा के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया।


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