महिला सशक्तिकरण मतलब ,मानवता सशक्त -राजेश धर्माणी
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महिला सशक्तिकरण मतलब ,मानवता सशक्त -राजेश धर्माणी

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महिला सशक्तिकरण मतलब ,मानवता सशक्त -राजेश धर्माणी 


घुमारवीं 

महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर के सौजन्य से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम घुमारवीं में आयोजित किया गया ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा क्षेत्र घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी ने की तथा कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त डॉ निधि पटेल विशेष रूप से उपस्थित रही ।

   धर्माणी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब है सारी मानवता को सशक्त करना है। वर्तमान में महिलाओं ने अपनी दक्षता, सहभागिता व नेतृत्व क्षमता से सिद्ध कर दिया है कि ‘नारी अबला नहीं सबला है’।  

प्रदेश व राष्ट्र के निर्माण में हमारी माताओं और बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और महिलाओं का उत्थान राष्ट्र की प्राथमिकता में शामिल है।उन्होंने कहा महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नही है । आज महिलाएं सामाजिक, आर्थिक, शिक्षा व खेल-कूद आदि सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही है। महिलाएं ही बिजनस, उद्यमी कार्यों और वेतनरहित श्रम के रूप में अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदान दे रही हैं। कॉरपोरेट्स जगत की बात करें तो आज हर बड़े पद पर महिलाओं का ही वर्चस्व है जोकि सबके लिए प्रेरणादायक है ।

भारत में महिलाओं को शिक्षा वोट देने का अधिकार और मौलिक अधिकार प्राप्त हैं धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल रही हैं भारत में आज महिला आर्मी एयर फोर्स पुलिस आईटी इंजीनियरिंग चिकित्सा जैसे क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है माता पिता अब बेटे बेटियों में कोई फर्क नहीं समझते हैं।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी नारी शक्ति का बेमिसाल प्रतीक हैं। देश को एक रखने के लिए अपना बलिदान दिया । बतौर प्रधानमंत्री उनके दमदार फैसलों ने पूरे देश में क्रांति ला दी थी। भूमिहीनों को जमीन दी तथा बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ।

  उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के सपने को सच करने के लिए लड़कियों के महत्व और उनकी शिक्षा को प्रचारित करने की आवश्यकता है तथा इसके लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। इस अवसर पर बेटी है अनमोल योजना तहत 7 बेटियों को 21 हजार रु प्रति बेटी एफ डी दि गई।

अतिरिक्त उपायुक्त डॉ निधि पटेल ने कहा की यह दिन महिलाओं के त्याग, साहस और सम्मान को समर्पित दिन होता है। महिलाएं समाज का एक अहम हिस्सा हैं, लेकिन बदलते वक्त के साथ महिलाएं आज राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दे रही हैं। खेल जगत की बात करें, मनोरंजन की या फिर राजनीति के क्षेत्र में, महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। प्रत्येक वर्ष 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।

 उन्होने कहा कि महिलाएं शिक्षित होगी तो वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा तथा बच्चों के मतभेद की मिटा सकती है । महिला संसार की जननी है वह अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखे ताकि वह स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सके । उन्होने कहा लड़कियों पर नजर डालें तो हम पाते हैं लड़कियां हर क्षेत्र मे आगे बढ़ रही है विभिन्न परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। किसी समय इन्हें कमजोर समझा जाता था, किंतु इन्होंने अपनी मेहनत और मेधा शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में प्रवीणता अर्जित कर ली है। 

इस अवसर पर महिला दिवस पर महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रंगोली, घरेलु उत्पाद, पारंपरिक व्यंजन की प्रदर्शनी लगाई गई
इस अवसर पर तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले महिला मंडलों को पुरस्कृत किया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा तथा महिला एवं बाल विकास अधिकारी रंजना शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत अभिनंदन किया ।

इस अवसर शहीदो की पत्नियों , माता पिता समानित किया तथा फूला चंदेल को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणापद घट्ट नृत्य , खेल क्षेत्र हैंडबाल कोच स्नेह लता, कामधेनु संस्था को स्मानित किया गया।इस पर अवसर प्रदेश अध्यक्ष महिला कांग्रेस सेवादल रीना पुंडीर ,, नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल , जिला कल्याण अधिकारी रमेश वंशल , जिला परिषद सदस्य प्रमिला बसु , बिटिया फाउंडेशन से सीमा संख्यान लाडली फाउंडेशन से कमला , महिला एवं बाल विकास अधिकारी नरेंद्र कुमार सहित अनेक सामाजिक एवं स्वयं सेवी संस्थाओं की महिलाएं उपस्थित रही।
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