पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले की 192वीं जयंती मनाई
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पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले की 192वीं जयंती मनाई

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पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले की 192वीं जयंती मनाई


बिलासपुर : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला औहर में देश की पहली महिला शिक्षक एवं समाज सेविका सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की 192वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर प्रवक्ता संतोष धीमान ने बताया कि उनका जन्म  3 जनवरी, 1831 को हुआ था। वह भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। सावित्रीबाई फुले को भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन की एक अहम शख्सियत माना जाता है। उन्होंने बताया कि सावित्रीबाई फुले की 1840 में 9 साल की उम्र में 13 साल के ज्योतिराव फुले से शादी हो गई थी। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोले। उन्होंने साल 1848 में महाराष्ट्र के पुणे में देश के सबसे पहले बालिका स्कूल की स्थापना की थी। उन्होंने 28 जनवरी, 1853 को गर्भवती बलात्कार पीडि़तों के लिए बाल हत्या प्रतिबंधक गृह की स्थापना की।

सावित्रीबाई ने 19वीं सदी में छुआछूत, सती प्रथा, बाल-विवाह और विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियों के विरुद्ध अपने पति के साथ मिलकर काम किया। सावित्रीबाई ने आत्महत्या करने जाती हुई एक विधवा ब्राह्मण महिला काशीबाई की अपने घर में डिलिवरी करवाकर उसके बच्चे यशंवत को अपने दत्तक पुत्र के रूप में गोद लिया। दत्तक पुत्र यशवंत राव को पाल-पोसकर इन्होंने डॉक्टर बनाया। सावित्रीबाई की मृत्यु 10 मार्च, 1897 को प्लेग के मरीजों की देखभाल करने के दौरान हुई। उनका पूरा जीवन समाज के वंचित तबके खासकर महिलाओं और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता। इस मौके पर स्कूल के सभी अध्यापक व प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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