प्रकृति का कहर: मकान में सोए आठ लोगों की दबने से मौत, मलबे में दफन हो गया प्रधान का हंसता-खेलता परिवार
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प्रकृति का कहर: मकान में सोए आठ लोगों की दबने से मौत, मलबे में दफन हो गया प्रधान का हंसता-खेलता परिवार

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प्रकृति का कहर: मकान में सोए आठ लोगों की दबने से मौत, मलबे में दफन हो गया प्रधान का हंसता-खेलता परिवार

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के कई भागों में शनिवार को बारिश मौत बनकर बरसी। प्रकृति ने ऐसा कहर बरपाया कि सोए-सोए ही कई जिंदगियां मलबे में दफन हो गई। मंडी जिले में के नाचन क्षेत्र की ग्राम पंचायत काशन के गांव झड़ोंन में भारी बारिश की वजह से पहाड़ी धंसने से मकान ढह जाने से दर्दनाक हादसा हो गया। मकान में अंधर सोये चार बच्चों समेत आठ लोगों की दबने से दर्दनाक मौत हो गई।

मृतकों में पंचायत प्रधान खेम सिंह व परिवार भी शामिल है। प्रकृति के इस कहर से एक हंसता-खेलता परिवार मलबे में दफन हो गया। नाचन, सराज और द्रंग में बादल फटने की घटनाओं से लोगों की जिंदगी भर की कमाई तबाह हो गई है। बारिश ने ऐसा कहर मचाया कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। इस भयानक मंजर ने रिश्तेदारों और परिजनों को कभी न भूलने वाले जख्म दे दिए हैं।
मंडी-कटौला-पराशर मार्ग पर बागी नाला में आई बाढ़ ने एक ही परिवार के पांच लोगों की जिंदगियां छीन लीं। दो बच्चों के शव मिल गए हैं। लेकिन परिजनों की आंखें हर पल अपनों की तलाश में चप्पे चप्पे में तलाश कर रही हैं। परिजनों की चीख-पुकार से हर तरफ गमगीन माहौल बना हुआ है।


कोटरोपी नाले के रौद्र रूप से पंदलाही के पास एक साल पहले बना फुटब्रिज फिर बह गया। यहां बिजली के खंभे भी ढह गए। गांव का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। नाले का बहाव कम न होने से ग्रामीण खौफ में हैं। प्रशासन ने कोटरोपी घटनास्थल पर पैदल आवाजाही पर भी रोक लगा दी है। दोनों छोर पर होमगार्ड के जवान तैनात किए हैं। एनएच को बहाल करने के लिए अभी राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वैकल्पिक मार्ग जोगिंद्रनगर-पधर वाया नौहली दमेला भी चट्टानें गिरने से छह दिन से बंद है। दूसरा वैकल्पिक मार्ग घटासनी-झटिंगरी-कटिंडी वाया डायनापार्क भी भूस्खलन से बंद हैं। ऐसे में एनएच में जगह-जगह पर यात्री जाम में फंसे हुए हैं।

उधर, उरला के करालड़ी में भोला राम का मकान भूस्खलन की चपेट में आने से ढह गया। पीड़ित परिवार की दो बीघा मलकियत जमीन और बगीचा भी बह गया। गदयाह गांव में देवराज का मकान भी ढह गया। उरला के समीप तालगहर की पहाड़ी से भूस्खलन होने से बालक राम का मकान खतरे की जद में आ गया। प्रभावित परिवार ने पड़ोसियों के घर में पनाह लेकर रात गुजारी।

ग्राम पंचायत गवाली के पुंदल गांव में भी पहाड़ी दरकने से अप्पर पुंदल गांव के डेढ़ दर्जन परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। प्रशासन ने खतरे की जद में आए 15 परिवारों के मकान खाली करवा सभी प्रभावित परिवारों को गवाली स्कूल और पटवार सर्किल भवन में ठहरने की व्यवस्था की है। वहीं धर्म देव पुत्र रिड़कु राम की 20 बकरियां, 2 भैंस और 2 गाय भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई। 
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