शहीद अंकेश भारद्वाज के पार्थिव शरीर के इंतजार में घरवालों की पथराई आंखें, गुरूवार शाम तक पहुंचने की उम्मीद
घुमारवीं -क़हलूर न्यूज़
अरुणाचल प्रदेश में बर्फीले तूफान की चपेट में आकर शहीद हुए घुमारवीं के सेऊ गांव के अंकेश भारद्वाज के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। अभी भी अपने बहादुर बेटे अंकेश भारद्वाज के शहीद होने पर विश्वास नहीं हो रहा है। जहां बेटे की शहादत पर परिजन गहरे सदमें में हैं वहीं शहीद होने की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। क्षेत्र के लोग सैनिक के घर पहुंच रहे हैं, परिजन एक दूसरे को होंसला देते रहे। तीन दिन तक सकुशल लौटने की आस लगाए परिजनों को सेना के अधिकारियों ने शहादत का समाचार दिया और आस टूट गई। शहीद अंकेश की माता बेटे की फ़ोटो हाथ में लिए देखती जा रही है। गांव के लोग बता रहे हैं कि अंकेश बहुत ही मेहनती व हर किसी के सुख दुख में शरीक रहता था। सेना से जब भी छुट्टी आता था सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेता था। तीन दिन तक लोग अंकेश की सलामती की दुवायें करते रहे लेकिन अंकेश की शहादत की खबर पहुंची। शहीद अंकेश भारद्वाज का पार्थिव शरीर गुरूवार शाम तक पहुंचने की उम्मीद है।
बचपन से ही अंकेश भारद्वाज में कुछ कर दिखाने का जज्बा था। अंकेश भारद्वाज कुश्ती खेलने में रुचि रखते थे और उन्होंने कुश्ती में कई बार विजेता रहे थे। नेपाल में आयोजित हुई कुश्ती में उन्होंने गोल्ड मैडल हासिल किया था। स्कूल ओलिंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया में इन्होंने गोल्ड मैडल हासिल किया था। अंकेश के पिता और अन्य परिजन भी सभी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अंकेश के पिता और उनके अन्य चार भाई सेना में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए हैं। बेटे की शहादत पर सभी का गर्व है। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। पास पड़ोस व रिश्तेदार ढ़ाढंस बंधाने पहुंच रहे हैं। शहीद अंकेश भारद्वाज के पार्थिव शरीर गुरूवार शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। प्रशासन लगातार इस संपर्क में है।