*यूजीसी वेतनमान लागू करे सरकार*
प्राध्यापकों ने खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री को सौंपा ज्ञापन
घंडालवीं में महाविद्यालय की घोषणा पर दी बधाई
राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं, बिलासपुर तथा बलद्वाड़ा के प्राध्यापक हुए शामिल
घुमारवीं - क़हलूर न्यूज़
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अनुमोदित सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए हिमाचल राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राजेन्द्र गर्ग को ज्ञापन सौंपा। स्थानीय एचजीसीटीए इकाई के प्रधान प्रो.सुरेश शर्मा के नेतृत्व में राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं, बिलासपुर तथा बलद्वाड़ा के प्राध्यापकों ने लम्बे समय से देय संशोधित वेतनमानों को लागू करने के लिए अनुरोध किया। प्रो.सुरेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राध्यापक संघ की संयुक्त समिति के आह्वान पर यह ज्ञापन सौंपा गया।उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी कर्मचारियों तथा पेंशन भोगियों को सातवें वेतन आयोग के वेतनमानों की घोषणा होना सराहनीय है लेकिन उच्चतर शिक्षा में विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय प्राध्यापक वर्ग ही अभी तक इनसे वंचित है। प्रो.शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के प्राध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने तथा नई शिक्षा नीति- 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कृत संकल्प होकर कर्मठता से कार्य कर रहे हैं ।
इस अवसर पर प्राध्यापकों के प्रतिनिधि मंडल ने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में सरकार द्वारा घोषित राजकीय महाविद्यालय घंडालवीं के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर तथा स्थानीय विधायक एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राजेन्द्र गर्ग को बधाई देकर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने कहा कि प्राध्यापकों की मांग को प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा मंत्रीमंडल तक पहुंचा कर संवेदनशीलता से विचार कर शीघ्र हल किया जाएगा। इस अवसर पर राज्य एचजीसीटीए कार्यकारिणी के संयुक्त सचिव प्रो.अनित शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ.महेन्द्र सिंह, बिलासपुर महाविद्यालय से डॉ. नित्तम चन्देल प्रो.विनोद शर्मा, बलद्वाड़ा से प्रो.कपिल, प्रो. पी.एल. जनेऊ, प्रो. प्रीतम लाल, डॉ सूर्य कांत, प्रो. राजेन्द्र शर्मा डॉ अरूण कुमार, प्रो. प्रवीण सांख्यान, डॉ. रीता कुमारी, डॉ.शिष्टा शर्मा, प्रो.मनोरमा, प्रो. अरूण मोंगा,प्रो.अनिल, प्रो.विकास चंदेल तथा सभी प्राध्यापक उपस्थित थे।