केंद्रीय गृह मंत्रालय: हिमाचल के चंबा की ललिता और सिरमौर के विद्यानंद को पद्मश्री
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केंद्रीय गृह मंत्रालय: हिमाचल के चंबा की ललिता और सिरमौर के विद्यानंद को पद्मश्री

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केंद्रीय गृह मंत्रालय: हिमाचल के चंबा की ललिता और सिरमौर के विद्यानंद को पद्मश्री


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साहित्य-शिक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के देवठी-मझगांव क्षेत्र के निवासी विद्यानंद सरैक और कला क्षेत्र के लिए ललिता वकील को पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस तरह से हिमाचल प्रदेश के हिस्से में दो पद्म पुरस्कारों के आने का एलान हुआ है। विद्यानंद सरैक कवि, गीतकार, गायक और शिक्षाविद् हैं। उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। इसी तरह से ललिता वकील चंबा रुमाल बनाने के लिए विख्यात हैं। उन्हें भी इससे पूर्व कई राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं।

चंबा रुमाल के प्रचार के लिए मुफ्त प्रशिक्षण देती हैं ललिता वकील
 चंबा रुमाल को नई बुलंदियों पर पहुंचाने वाली चंबा की ललिता वकील को कला के क्षेत्र में 50 वर्षों की मेहनत का फल मिला है। उन्हें 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से महिला दिवस के मौके पर कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद की ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। चंबा रुमाल की गुरु ललिता वकील चंबा की अकेली महिला हैं, जिन्हें तीसरी मर्तबा भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। चंबा शहर के चोंतडा मोहल्ला निवासी ललिता वकील पत्नी एमएस वकील को चंबा रुमाल में महारत हासिल है। ललिता वकील को 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सम्मानित किया था।

2012 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शिल्प गुरु सम्मान से सम्मानित किया। ये सम्मान पाने वाली ललिता वकील इकलौती हिमाचली हस्तशिल्पी हैं। 2017 में महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से मेनका गांधी ने अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट अवार्ड से महिला गुरु के तौर पर प्रदान किया था। बकौल ललिता वकील चंबा रुमाल की कला को आने वाली पीढ़ियों को भी रूबरू करवाने के लिए वह अपने घर में निशुल्क लड़कियों को कला की बारीकियां सिखाती हैं। ऑनलाइन उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार के लिए आवेदन किया। चंबा रुमाल अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के कारण देश के अलावा विदेशी में भी लोकप्रिय है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। चंबा रुमाल पर की गई कढ़ाई ऐसी होती है कि दोनों तरफ एक जैसी कढ़ाई के बेल बूटे बनकर उभरते हैं। यही इस रुमाल की खासियत भी है।
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