घुमारवीं महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने दी प्रोत्साहन राशि
दिव्यांग के जज्बे को सलाम
घुमारवीं - क़हलूर न्यूज़
स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं के सभी प्राध्यापकों ने जिला चम्बा के डलहौजी से सम्बन्ध रखने वाले दिव्यांग सुनील पथिक को उनकी आत्मकथा 'आशाओं भरा सफर' के लिए प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु तेंतीस सौ पचास रुपए भेंट किए। सुनील मात्र तीन फुट कद के व्यक्ति हैं तथा उन्होंने एक संघर्षरत जीवन जीकर दिव्यांग जनों के संघर्ष एवं सामाजिक स्थिति को समाज के सामने लाने के लिए यह पुस्तक लिखी है। यह पुस्तक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक प्रेरणास्पद कहानी है।
चम्बा के कवि सुभाष साहिल एवं जगजीत आज़ाद को अपना आदर्श मानने वाले सुनील दोनों हाथों एवं पांवों के सहारे चलते हैं। सुनील की संघर्ष कहानी तथा जोश,जुनून तथा जज़्वे से प्रभावित होकर महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. रामकृष्ण ने सभी प्राध्यापकों को प्रोत्साहन राशि संकलित करने के लिए कहा और तुरन्त तेंतीस सौ पचास रुपए की राशि एकत्रित कर सुनील को भेंट की। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो.रामकृष्ण ने कहा कि सभी को सुनील की सकारात्मकता से सीखने की आवश्यकता है।इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक सुरेश शर्मा ने कहा कि विकलांग और अपंग शब्द अब बीते ज़माने की बात है व्यक्ति चाहे तो कमी होने के बावजूद कुछ भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि इन दिव्यांग जनों के लिए समाज, प्रशासनिक अधिकारियों तथा राजनेताओं को संवेदनशील होना चाहिए।इस अवसर पर प्रो.बच्चन सिंह, डॉ.नित्तम चंदेल, प्रो.विनोद शर्मा स्टाफ सचिव राजेंद्र शर्मा उपस्थित थे।