हैंडबॉल के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान स्थापित करवा रही है मोरसिंघी की हैंड वाल नर्सरी : डॉक्टर आनंदेश्वर पांडेय
बिलासपुर- क़हलूर न्यूज़
बिलासपुर की मोरसिंघी हैंडबाल अकादमी ने बिना किसी सरकारी सहायता के चार वर्षों में उत्कृष्ट कार्य करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है जिसके लिए अकादमी के संचालक सचिन और स्नेह लता के अलावा इस गांव के निवासी और बिलासपुर भी बधाई का पात्र है। यह बात साउथ एशियन हैंडबॉल फेडरेशन के जनरल सेक्टरी तथा इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉक्टर आनंदेश्वर पांडेय ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि एक समय था जब हैंडबॉल के क्षेत्र में भारत की टीम का नाम नीचे से पहले नंबर पर आता था लेकिन पिछले 4 वर्षों से इस अकादमी की मेहनत ने यह साबित कर दिया है और हैंडबॉल को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला दी है।पांडेय ने कहा कि बिलासपुर की मोरसिंघी हैंडबाल नर्सरी ने पिछले चार पांच वर्षो में न केवल हिमाचल प्रदेश को बल्कि देश को कई अंतर्राष्टरीय खिलाडी दिए है जिसके परिणाम अब सामने आने लगे है। अब हैंडबाल में भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है।
उन्होंने कहा कि हैंडबाल के अंतर्राष्टरीय स्तर के खिलाडी तैयार करने में मोरसिंघी हैंडबाल अकादमी की स्नेह लता व सचिन चौधरी की मेहनत का ही परिणाम हैै कि आज रेलवे व एसएसबी की टीमें यहां पर बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आ रही है। उनका प्रयास रहेगा कि आने वाले दिनों में मोरसिंघी अकादमी को एशियन हैंडबाल एसोसिशन व भारतीय ओलेपिक्स एसोसिएशन से लिंक किया जाए। उन्होंने इस अवसर पर एक प्रश्न के उतर में कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य 2028 में होने वाले ओलेपिक्स गेम्स में भारत की टीम को सबसे आगे रखने का है।
उन्होंने एक अकादमी के जिम के लिए आवश्यक उपकरण देने की घोषणा भी की । इससे पहले अकादमी में सम्मान समारोह का आयोेजन किया गया। जिसमें डॉक्टर आनंदेश्वर पांडेय को हैंडबाल प्रशिक्षक स्नेहलता व सचिन चौधरी ने उन्हें पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया। सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर केआर रतन, एनएल शर्मा , पूर्व प्रधान जगदीश ठाकुर, प्रधानाचार्य यशपाल जस्टा, पूर्व जिला खेल अधिकारी श्याम लाल कौंडल सहित अन्य लोगों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।