घुमारवीं : 2 पंचायतें व नगर परिषद मिलकर भी नहीं करवा पाई दो कि.मी. सड़क का कार्य
घुमारवीं - क़हलूर न्यूज़
कहावत है कि दो नावों का सवार हमेशा डूबता है और यह कहावत घुमारवीं नगर परिषद तथा ग्राम पंचायत घुमारवीं व दकड़ी के अंतर्गत आने वाली सड़क के पास रहने वाले लोगों पर बिल्कुल फिट बैठती है।
यह यहां के लोगों का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि 2 ग्राम पंचायतें तथा एक नगर परिषद मिलकर भी करीब 1 से डेढ़ किलोमीटर सड़क को पक्का नहीं कर पाए। बताते चलें कि नगर परिषद घुमारवीं के अंतर्गत आने वाले डीएवी स्कूल से कोर्ट तक जाने वाली इस सड़क को बनाने में कई साल बीत गए लेकिन आज तक इस सड़क को 3 पंचायतें भी मिलकर पक्का नहीं कर पा रही हैं।
विडंबना यह है कि इस सड़क का कुछ हिस्सा नगर पंचायत घुमारवीं के अलावा ग्राम पंचायत घुमारवीं तथा नई बनी ग्राम पंचायत दकड़ी में पड़ता है। परंतु यह तीनों मिलकर भी इस सड़क को आज तक पक्का करवाने में असफल रहे हैं। जबकि इस सड़क से हर रोज सैकड़ों लोगों का कोर्ट तक आना जाना होता है। यही नहीं यह सड़क से डीएवी स्कूल तथा अन्य शिक्षण संस्थानों से जुड़ी है तथा हर रोज सैकड़ों बच्चे इस सड़क से गुजरते हैं परंतु सड़क की हालत ऐसी है कि यहां पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह इस बारे में कई बार नगर परिषद तथा स्थानीय पंचायतों तो इसे बनाने का आग्रह कर चुके हैं। लेकिन वर्षों से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे है।
सब एक दूसरे पंचायत की सड़क होने का बहाना बनाकर हमेशा टालमटोल करते रहते हैं ।लोगों का कहना है कि यह उनके लिए एक दुर्भाग्य बन गया है कि यह सड़क 2 ग्राम पंचायतों तथा नगर परिषद के अंतर्गत आती है ।जिस कारण तीनों ही इसे बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सब का यही कहना है कि यह सड़क 3 पंचायतों के अंतर्गत आती है इसलिए उनका अकेले इसे बनाना मुश्किल है। जबकि नगर परिषद घुमारवीं के उपाध्यक्ष श्याम शर्मा कहना है कि यह सड़क एक सर्कुलर रोड होने के कारण पीडब्ल्यूडी के अंडर आती है तथा उन्होंने कई बार इसके लिए विभाग तथा स्थानीय मंत्री से आग्रह किया है
कि इस सड़क पर अब तीन जगह पर पुलिया का निर्माण होना है जिसके बाद इस सड़क को पक्का किया जाए। लेकिन आज तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और वैसे भी यह एक सर्कुलर रोड के तहत इसे बनाया गया था तथा इसका पक्का करने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया गया था । स्थानीय लोगों का कहना है कि वह इन तीनों पंचायतों के आपसी सामंजस्य ना होने के कारण इस स्थिति से उन्हें गुजारना पड़ रहा है ।