बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग को सौंपा मांग पत्र
-कोरोना वॉरियर्स का दर्ज़ा नही मिलने पर जताई नाराजगी
घुमारवीं
घुमारवीं/ रजनीश धीमान
प्रधानमंत्री के वर्चुअल वैक्सीन संवाद कार्यक्रम में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग से मिल कर उन्हें अपना मांग पत्र सौंपा।
सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर घुमारवीं के बचत भवन में प्रधानमंत्री के वर्चुअल वैक्सीन संवाद कार्यक्रम के तुरंत बाद खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग को अपना मांगपत्र सौंपते हुए बताया कि आज प्रदेश में पहली डोज के 100 फ़ीसदी लक्ष्य को पूरा करने में हम बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन फिर भी सरकार की ओर से बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कोई सुध नहीं ली जा रही है।
यहां तक कि इतने बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना पूरा सहयोग देने के बावजूद बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वरियर्स तक घोषित नहीं किया गया जबकि उन्होंने दिन रात एक कर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपना पूरा सहयोग दिया। यातायात की व्यवस्था तक ना होने के बावजूद दूरदराज के क्षेत्रों में पैदल चलकर लोगों को अपनी सेवाएं दी बावजूद इसके सरकार इन लोगों की कोई सुध नहीं ले रही है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने अपना मांगपत्र सौंपते हुए कहा कि हमारे साथ सरकार कोई अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है।क्योंकि आज तक सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को पदोन्नति का कोई लाभ तक नही दिया है। जबकि सभी बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता सालों से सर्विस देने के बावजूद भी इसी पोस्ट पर
सेवानिवृत हो जाते हैं जबकि कुछ वर्ष बाद नौकरी करने वाले पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता पदोन्नति लेकर सुपरवाइजर के पद पर विराजमान कर दिए जाते हैं। उन्होंने मांग की कि उन्हें भी अन्य विभागों की तर्ज पर एक निश्चित अवधि के बाद पदोन्नति का लाभ दिया जाए। उन्होंने सभी पुरुष तथा महिला कार्यकर्ताओं की वरिष्ठता सूची को भी इकट्ठी करने की मांग रखी ताकि सुपरवाइजर में होने वाली पदोन्नति में उन्हें बराबर का हक मिले इसके अलावा उन्होंने संक्रमण भत्ते की भी मांग रखी और सभी बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टेक्निकल घोषित का भी आग्रह किया उनका कहना था कि वह सभी सब सेंटरों पर जाकर लैब में किए जाने वाले सभी टेस्टों की प्रक्रियाओं को पूरा करते हैं ।
इसके अलावा उन्होंने अपने पद नाम के साथ जुड़े वर्कर शब्द से भी कड़ा एतराज जताया उनका कहना था कि इस शब्द से उन्हें मजदूरी का एहसास कराया जाता है उन्होंने मांग रखी कि वर्कर के स्थान पर उन्हें एसिस्टेंट या प्रोवाइडर पद नाम दिया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई की सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई कर उन्हें इंसाफ दिलाएगी।