बिलासपुर - अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की मुुफ्त सुविधा उपलब्ध - क़हलूर न्यूज़
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बिलासपुर - अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की मुुफ्त सुविधा उपलब्ध - क़हलूर न्यूज़

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 अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की मुुफ्त सुविधा उपलब्ध


बिलासपुर 14 जुलाई ( कुंदन रत्न )

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया गर्मीयों तथा बरसात के मौसम में सांप ज्यादा निकलते हैं। इसलिए कोविड-19 के साथ-साथ सांपों से भी बचाव करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की लापरवाही जानलेवा हो सकती है और इससे बचने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि संाप के काटने को सर्पदंश या सांप का काटना कहते हैं, काटे गए स्थान पर दांतों के हल्के या स्पष्ट दिखने वाले निशान व जख्म होते हैं, जो सूजन से कई बार ढक जाते है। सांप के काटने पर विषाक्ता से कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। अब यह पता लग चुका है कि अधिकांश सांप विषहीन होते हैं
उन्होंने बताया कि दंश के स्थान पर तीव्र जलन, सूजन और दर्द होना, आवाज का बैठना, ज्यादा नींद लगना, तनाव, मिचली व उल्टी होना, अनैच्छिक रुप से मल-मूत्र का त्याग, लकवा होना, पलकों का गिरना, एक वस्तु की दो दिखाई देना तथा पुतलियों का फैलना दंश के मुख्य लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की मुुफ्त सुविधा उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि दंश जहरीला है या नहीं विशेषज्ञ द्वारा जांच से ही पता लग सकता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को शांत रखें और आश्वस्त करें कि वह ठीक हो जाएगा अन्यथा तनाव व दिल की तेज धडकन से जहर तेजी से शरीर में फैलेगा, संाप द्वारा काटे गए व्यक्ति को चलने फिरने न दें, दंश के स्थान को हृदय से नीचे रखें, ताकि जहर शरीर के अन्य भागों में न फैल जाए, महत्वपूर्ण लक्षणों जैसे बुखार, नब्ज, सांस की गति और रक्तचाप की निगरानी करें, आघात में व्यक्ति को सीधा लिटाएं, दोनांे पांव एक फूट उंचा उठाएं और कंबल ओढा दें, तुरन्त व्यक्ति को इलाज के लिए 108 एम्वुलैंस के द्वारा नजदीक के सरकारी अस्पताल ले जाएं सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुबिधा मुफ्त उपलब्ध है।

  उन्होंने बताया कि सर्पदंश जानलेवा है या नहीं, सोचने में समय न गवाएं, मन्त्र व झाडने से जहर उतारने में भी बिल्कुल समय न गवाएं, काटे गए स्थान पर न चीरा लगाएं, न चूसें, सर्पदंश के व्यक्ति को अति-उतेजित ने होने दें, व्यक्ति को खाने पीने को कुछ न दें तथा स्थानीय औषधि का इस्तेमाल भी न करें।

उन्होंने बताया कि सर्पदंश से बचाव हेतु घर के आस-पास साफ सफाई रखें, घास व झाडियां न उगने दें, इन्हें समय-समय पर काटते रहें, दाल, अनाज, पानी के बर्तन ढक कर रखें, कूडे कचरे का समय-समय पर सही समापन करें, घर के अन्दर व बाहर चूहों के बिलों को पत्थर व सीमेंट से बन्द कर दें, चूहे मार दवा से चूहे मार दें, जाली दार खिडकी व दरवाजों का प्रयोग करें, घर और रसोई से पानी की निकास पाइप पर भी जाली लगाएं, नंगे पांव बाहर न जाएं, जूते पहने, अंधेरे में बाहर निकलने पर बल्ब जलाएं या टाॅर्च का प्रयोग करें, सोने से पहले बिस्तर अच्छी तरह झाड लें तथा बरसात के दिनों में जमीन पर न सोएं।
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