जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रदान की जा रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
जच्चा व बच्चे की सुरक्षा के लिए प्रसव अस्पतालों में ही करवाएं,
प्रसव करवाने के लिए घर से अस्पताल जाने तथा अस्पताल से घर आने के लिए गाड़ी की निःशुल्क व्यवस्था
बिलासपुर 26 जून-
कोविड.19 के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर प्रकाश दरोच ने बताया कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं तथा नवजात रूगण शिशुओं को बेहतर स्वास्थय सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त सेवा प्रदान करने पर बल दिया गया है।
उनहोंने बताया कि कार्यक्रम शुरू करने का मुख्य उद्देश्य मातृ तथा शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाना है। इस योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रसव कराने पर प्रसव संबंधी पूर्ण व्यय का वहन, प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात दवाईयां व अन्य कंज्युमेबल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाते हैं तथा जांच भी निःशुल्क होती है।
उन्होंने बताया कि संस्थागत प्रसव होने पर तीन दिन तथा सिजेरियन ऑपरेशन होने पर सात दिन निःशुल्क भोजन दिया जाता है। इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून उपलब्ध करवाया जाता है तथा घर से केंद्र जाने एवं वापसी के लिए मुफ्त यातायात सुविधा प्रदान की जाती है। इसी प्रकार की सुविधा सभी बीमार नवजात शिशुओं के लिए भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर काफी हद तक कम हुई है। उन्होंने बताया कि हर गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव करवाना जरूरी है।
कार्यक्रम में प्रसुताओं को मिलने वाली सुविधाएँ
उन्होंने बताया कि निःशुल्क संस्थागत प्रसव प्रत्येक गर्भवती महिला को 42 दिन तक बिना किसी लागत तथा खर्चे के स्वास्थय सेवाएं प्रदान की जाती है। आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क सीजेरियन ऑपरेशन की सुविधाएं सरकारी स्वास्थय केंद्रों में उपलब्ध करवायी जाती हैं। गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं जिसमें आयरन फॉलिक अम्ल जैसे सप्लीीमेंट भी शामिल हैं।
इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं की खून, पेशाब की जांच, अल्ट्रो-सोनोग्राफी आदि अनिवार्य और वांछित जांच भी निशुल्क की जाती है। सेवा केंद्रों में सामान्य डिलीवरी होने पर तीन दिन तथा सीजेरियन डिलीवरी के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर निशुल्क खून भी दिया जाता है। घर से केंद्र जाने और आने के लिए भी मुफ्त में वाहन सुविधा प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र में प्रसव कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा रहती है। जिसमें निःशुल्क ईलाज, दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री, जांच इत्यादि की सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि माता के साथ-साथ नवजात शिशु की भी मुफ्त जांच की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर मुफ्त में खून भी दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक प्रसव करवाने के लिए 108 नम्बर तथा प्रसव कराने के बाद अस्पताल से घर तक 102 नम्बर गाडी की व्यवस्था निःशुल्क की जाती है।
उन्होंने बताया कि जन्म से एक वर्ष आयु तक रूग्ण नवजात शिशु हेतु सभी दवाएं और अपेक्षित खाद्य मुफ्त में मुहैया करवाया जाता है ।
उन्होंने जनता से अपील की है कि वे इस योजना के बारे में स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी व आशा से सम्पर्क कर योजना का लाभ उठाएं, और प्रसव अस्पतालों में ही करवाएं जिससे जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे।