बैंडबाजा, बराती और न साथी। हिमाचल के बिलासपुर में अकेले ही तैयार होकर दूल्हा गाड़ी लेकर गया और सात फेरे लेकर घर ले आया। जब शादी की तारीख तय हुई थी तब सोचा था कि अपने रिश्तेदारों के अलावा दोस्त भी होंगे।
बैंडबाजे पर सब नाचेंगे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ये ख्वाब धरे रह गए। कोरोना महामारी के बीच नियमों का पालन करने का मामला घुमारवीं उपमंडल के गांव बबैली में देखने को मिला। जहां दूल्हा अरविंद अकेले ही दुल्हन लेने गया। दुल्हन के परिवार के कुछ सदस्यों की मौजूदगी में रस्में निभाई गई।
दूल्हे का कहना है कि जान है तो जहान है। महामारी खत्म होने के बाद दोस्तों, रिश्तेदारों को भी बुलाएंगे और नाच गाना भी होगा। इस वक्त उसे अपनी खुशियों से ज्यादा लोगों की जान जरूरी है। वबैली गांव के अरविंद की शादी बेहड़ा गांव की पूजा से हुई। सरकार के आदेशों का पालन करते हुए हर बात का ख्याल रखा गया। दूल्हे ने गाड़ी खुद चलाई और बेहड़ा गांव में अपनी पत्नी को लेने पहुंच गए।
दुल्हन पक्ष की तरफ से भी शादी में महज पारिवारिक सदस्य मौजूद रहे। अरविंद ने बताया कि इस वक्त लोगों की जान की रक्षा करना सबका कर्तव्य है। जब माहमारी से जंग जीतेंगे। तब दोस्तों को भी बुलाएंगे और धाम भी होगी।