सपनों के आशियाने पर महंगाई की मार, अब सरिया महंगा
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सपनों के आशियाने पर महंगाई की मार, अब सरिया महंगा

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 सार

सपनों के आशियाने पर महंगाई की मार पड़ गई है। सीमेंट, रेत, बजरी, ईंट के रेट में बढ़ोतरी के बाद अब सरिया भी मंहगा हो गया है। दो कमरों का मकान बनाने में भी मुश्किल हो रही है।नाहन में करीब 4500 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला सरिया अब 5500 से 5700 रुपये में मिल रहा है। जीएसटी से इसका वास्तविक रेट और बढ़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगी थी। लॉकडाउन हटते ही भवन निर्माण के साथ सरकारी-गैर सरकारी कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली थी। स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन सिरमौर के चेयरमैन सुरेंद्र जैन ने बताया कि सरिये के दाम में उछाल का कारण कच्चे माल का महंगा होना है।

विस्तार

सपनों के आशियाने पर महंगाई की मार पड़ गई है। सीमेंट, रेत, बजरी, ईंट के रेट में बढ़ोतरी के बाद अब सरिया भी मंहगा हो गया है। दो कमरों का मकान बनाने में भी मुश्किल हो रही है।नाहन में करीब 4500 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला सरिया अब 5500 से 5700 रुपये में मिल रहा है। जीएसटी से इसका वास्तविक रेट और बढ़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगी थी। लॉकडाउन हटते ही भवन निर्माण के साथ सरकारी-गैर सरकारी कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली थी।



स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन सिरमौर के चेयरमैन सुरेंद्र जैन ने बताया कि सरिये के दाम में उछाल का कारण कच्चे माल का महंगा होना है। प्रदेश में सीमेंट, रेत, बजरी, ईंट, बिजली का सामान, लेबर, सरिया आदि की कीमतें बढ़ गई हैं। प्रवासी मजदूरों के लौटने से मजदूरी पर भी भारी व्यय करना पड़ रहा है। दो कमरों का मकान, बाथरूम एवं किचन जहां पहले ढाई लाख में तैयार होता था, अब चार से पांच लाख रुपये में बन रहा है।

प्रदेश कांट्रेक्टर एसोसिएशन के चेयरमैन दिनेश शर्मा ने बताया कि निर्माण सामग्री को लेकर आने वाले वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं। इससे यह महंगी होती जा रही है। एम फार्म एवं एक्स फार्म की प्रक्रिया पूरी करवाना माइनिंग विभाग एवं क्रशर वालों का काम रहता है। इन्हीं मुद्दों को लेकर मंडी में बैठक की जा रही है। इसमें सरकार से मांग की जाएगी कि इन मुद्दों को सुलझाने में पहल करें।

गृह निर्माण की सामग्री 

वस्तु पहले.                (छह महीने).     अब (रुपयों में)

सरिया                              4500 -      5700

सीमेंट.                                 390  - 420

रेत एक ट्रॉली.                      2800 -  3600

बजरी एक ट्रॉली                  3500    - 4800

एक ईंट                                 09    - 12

मिस्त्री दिहाड़ी.                      600    - 800

मजदूर दिहाड़ी                       500   - 700

टायल साइफन सीट               7500  - 13500

विद्युत फिटिंग पीवीसी एक इंच दो एमएम पहले 80 रुपये में थी जबकि अब 160 रुपये में मिल रही है। तार रोल के दाम भी 780 से बढ़कर 1050 रुपये हो गए हैं। प्लास्टिक एवं कॉपर के दामों में सौ फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।

सीमेंट और सरिया का दाम सरकार नहीं करती नियंत्रित

उद्योग निदेशक हंसराज शर्मा ने बताया कि सीमेंट और सरिये के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। कंपनियां मांग और उत्पादन के आधार पर स्वयं दाम तय करती हैं।



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