युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति व सभ्यता से परिचित करवाना व नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करना संस्था का उद्देश्य : धर्माणी
संस्कार संस्था प्रदेश की पहली संस्था जिसने श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण पर करवाया क्विज
घुमारवीं की अग्रणी समाज सेवी संस्था संस्कार सोसाइटी द्वारा महाराणा प्रताप जयंती पर "संस्कार औऱ सरोकार" अभियान के तहत श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है । संस्कार संस्था प्रदेश की पहली संस्था है जिसने श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण पर बच्चों के लिये क्विज का आयोजन किया हो । प्रतियोगिता में घुमारवीं उपमंडल के 40 स्कूलों के 80 विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
ओपी शर्मा पूर्व निदेशक शिक्षा हिमाचल प्रदेश मुख्यतिथि के रूप में उपस्तिथ रहे। उन्होंने कहा कि संस्कार संस्था संस्कृति और संस्कार को निरंतर आगे बढ़ाने का काम कर रही है । उन्होंने कहा कि त्याग, वीरता, साहस हमारी संस्कृति में है । गीता और रामायण संस्कृति के अटूट अंग है । रामायण और गीता में आदर्शवाद , कर्मो की प्रधानता है जिसकारण ये दुनिया मे सर्वोपरि है हमे इनके आदर्शो को अनुकरण करना चाहिए ।
संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कहा कि गीता जीवन दर्शन है, सत्य है, सनातन है इसलिए इसे युवा पीढ़ी गीता को पढ़े, बुढ़ापे में नही युवावस्था में गीता को पढ़े और राम मर्दित थे , राम सामाजिक समता के प्रतीक थे और असहाय के साथ खड़े रहना ये राम का चरित्र दिखता है इसलिए संस्था ने रामायण और श्रीमद्भागवत गीता पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया । उन्होंने बच्चों से कहा कि गीता और रामायण को पढ़े ओर जीवन में अपनाए । जो क्विज में सफल नही हुए वो निराश न हो असफलता के बाद ही सफलता मिलती है इसलिये निराश नही होना है निरंतर मेहनत करते रहे । युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति व सभ्यता से परिचित करवाना व नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करना संस्था का उद्देश्य है ।
संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने बताया कि वर्ष 2023में संस्था द्वारा शुरू किए गए" घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा"अभियान के अंतर्गत अब तक जो कार्यक्रम संस्था द्वारा किए गए हैं उनके सार्थक परिणाम सामने आए हैं।इसी अभियान के अंतर्गत अब संस्था ने संस्कार के समाज से सरोकार के महत्व को समझते हुए " रामायण और श्रीमद्भगवद्गीता"पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया है।जिसका प्रमुख उद्देश्य अपनी युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति व सभ्यता से परिचित करवाना तथा नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करना है । क्योंकि संस्कार सोसायटी यह मानती है कि हमारा युवा यदि अपनी संस्कृति व सभ्यता को समझने की ओर उन्मुख होगा तो स्वत: अन्य बुराइयों से विमुख होगा।
घुमारवीं का होलिहार्ट स्कूल रहा प्रथम
प्रथम स्थान पर हिलिहार्ट स्कूल घुमारवीं की रितिका धर्माणी और अक्षांश चंदेल को 2100 रुपये , दूसरे स्थान पर एसवीएम घुमारवीं के सूरज और दीपांश को 1500 रुपये, तीसरे स्थान पर नावलोक आदर्श विद्यालय खाँसरा की अक्षिता और वर्षा देवी को 1100 रपये औऱ अनिका धीमान , कृतिका, देवराज, सुनाक्षी, आकृति और तपश्या को 500 सांत्वना पुरस्कार दिया गया ।