सिविल अस्पताल घुमारवीं में आपातकाल में 72 वर्षीय बजुर्ग का इलाज करने से किया मना
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सिविल अस्पताल घुमारवीं में आपातकाल में 72 वर्षीय बजुर्ग का इलाज करने से किया मना

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सिविल अस्पताल घुमारवीं में आपातकाल में 72 वर्षीय बजुर्ग का इलाज करने से किया मना 


सिविल अस्पताल घुमारवीं में मरीजों के साथ लगातार हो रहे  लापरवाही के मामलों ने सवेंदनहीनता की सारी हदें लांघ दी है।अभी पिछले दिनों आपात स्थिति में भर्ती मरीज को अस्पताल के सुरक्षाकर्मी द्वारा ग्लूकोस ड्रिप लगाए जाने का मामला ठंडा नहीं पड़ा था कि अब अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा आपात अवस्था में अस्पताल पहुंचे । एक वरिष्ठ नागरिक का उसकी उम्र तक का लिहाज  न करते हुए उसका इलाज करने से ही मना कर दिया। मामला बुधवार सुबह 7 बजे का है जब उपमंडल घुमारवीं की ग्राम पंचायत टकरेड़ा के 71 वर्षीय जगदीश अपनी कटी उंगली का इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे। 

लेकिन अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा न केवल उनकी पर्ची बनाने से मना कर दिया गया ।बल्कि उनका इलाज करने से ही मना कर दिया । जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा सिविल अस्पताल घुमारवीं के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को लिखित रूप में दी।शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि बुधवार सुबह करीब 6 बजे वह अपने घर से खेतों में घास काटने गया ,तो वहां पर घास काटते हुए दराती से उंगली कट गई । उंगली से बहुत ज्यादा खून निकल रहा था इसके बाद वह अपनी उंगली को दूसरे हाथ में  दबा कर सुबह 7 अस्पताल पहुंचे। 

अस्पताल पहुंचने के बाद वह तुरंत आपात ड्यूटी रूम में पहुंचे। जहां पर कुछ महिला स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थी। उन्होंने वहां पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से पर्ची बनाकर उनका इलाज करने का आग्रह किया ।लेकिन वहां पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इलाज करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह 9:30 के बाद अस्पताल आने का फरमान जारी कर दिया और उसके बाद ही उनका इलाज हो पाएगा।।यहां तक कि वह  अपनी कटी उंगली पर ड्रेसिंग करने के लिए भी गिड़गिड़ाते रहे ।लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उनकी एक नहीं सुनी। 

थक हार कर वह वापस अपने घर वापस आ गए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इसके बाद वह गांव में बने हेल्थ सेंटर  पहुंचे तो वहां पर ताला लटका पाया । दोपहर 11:00 बजे तक उन्होंने इंतजार किया लेकिन कोई स्वास्थ्य कर्मी हेल्थ सेंटर नहीं पहुंचा जिसके  बाद वह  कटी उंगली को अपने दूसरे हाथ में थाम कर वापस अपने घर चले गया।शाम को करीब 3 बजे वो दोबारा हेल्प सेंटर पहुंचे तो वहां पर  फिर ताला लटका पाया। इसके बाद में  वापस  घुमारवीं सिविल अस्पताल पहुंचे तब जाकर उनका इलाज संभव हो पाया ।शिकायतकर्ता ने अपनी लिखित शिकायत में इस सारे मामले की जांच की मांग करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

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इस बारे में लिखित शिकायत आई है मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच की जाएगी तथा जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही मामले पर कार्रवाई की जा सकती है।
विशाल जम्वाल (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, घुमारवीं)
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