सरकार कर रही एमबीबीएस करने वाले प्रशिक्षुओं के साथ अनदेखी:-मेहता
घुमारवीं
प्रदेश युवा कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर हिमाचल प्रदेश के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के साथ अनदेखी का आरोप लगाया है। प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव रजनीश मेहता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों से प्रति वर्ष दिसंबर महीने में एमबीबीएस प्रशिक्षण करने के उपरांत डॉक्टरों को कैंपस प्लेसमेंट देकर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाता था लेकिन इस बार एसा नहीं हुआ।
मेहता ने कहा कि वर्ष 2021-22 में कोविड की वजह से सत्र 5 महीने देरी से संपन्न हो रहा है। जिसके चलते हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी संस्थानों से डॉक्टरों का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षुओं से खिलवाड़ करते हुए बाहरी देशों व राज्यों से आए हुए डॉक्टर नियुक्त कर दिए गए। जबकि 6 मई 2022 को सरकारी महाविद्यालयों से शिमला, टांडा व नाहन से लगभग 250 डॉक्टर अपना प्रशिक्षण पूरा करने जा रहे हैं।
मेहता ने कहा की इस बार पहले ही सरकार ने 7 अप्रैल 2022 को कैबिनेट में कैंपस प्लेसमेंट को दरकिनार करते हुए सरकारी प्रशिक्षु डॉक्टरों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए नया प्रस्ताव वाक् इन इंटर्व्यू के नाम से पारित कर दिया है। मेहता ने कहा की प्रदेश युवा कांग्रेस सरकार की इस तुग़लकी प्रक्रिया का पुरजोर विरोध करती है और प्रदेश सरकार से माँग करती है कि पुन्य पुरानी व्यवस्था को स्थापित कर प्रदेश के सरकारी संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले डॉक्टरों की नियुक्ति पहले की जाए। जिन्होंने कोविड के समय अपने प्राणों की परवाह न करते हुए करोना के दौरान अपनी सेवाएं स्वास्थ्य संस्थानों में रहते हुए हिमाचल की जनता को अपनी सेवाएं दी। युवा कांग्रेस की मांग है कि पहले हिमाचल चिकित्सा संस्थानों से अपनी शिक्षा प्राप्त करने वाले प्रशिक्षुओं को नौकरी दी जाए अन्यथा युवा कांग्रेस पूरे प्रदेश में इस प्रक्रिया का विरोध करेगा।