ऑक्सीजन न मिलने से हुई मौतों की जांच के लिए हो बुद्धिजीवी नागरिक आयोग का गठन
घुमारवीं ( रजनीश धीमान )
पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि ऑक्सीजन न मिलने से हुई मौतों की जांच के लिए बुद्धिजीवी नागरिक आयोग का गठन होना चाहिए ताकि सच्चाई उजागर हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में यह बताकर देशवासियों के जख्मों को कुरेदने का काम किया है कि कोरोना महामारी की दूसरी वेव के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई।
दूसरी वेव के दौरान लगातार मीडिया में खबरें प्रसारित होती रही कि देश के हर कोने में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही हैं और सरकार ने समय रहते कोई उचित कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि पीएम केयर से खरीदे गए ज्यादातर वेंटिलेटर प्रयोग में ही नहीं लाए गए।
हिमाचल प्रदेश में भी कई जगहों पर ऑक्सीजन उपलब्ध न होने की वजह से मौतों की खबरें लगातार आती रही। खासकर नेरचैक मेडिकल कालेज से। ऑक्सीजन की कमी का सबसे बड़ा प्रमाण तो नेरचैक मेडिकल कालेज के अनीस्थिया विभाग के एचओडी डॉ. जीवानंद चैहान द्वारा दिए एक इंटरव्यू से मिलता है।
रिटायर्ड न्यायधीश व प्रशासनिक अफसरों, पत्रकारों व अन्य बुद्धिजीवियों को आगे आकर ऑक्सीजन से हुई मौतों की सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए नागरिक आयोग का गठन कर जांच करनी चाहिए।