पार्किंग स्थल को लेकर लोगों में सुगबुगाहट तेज
कुंदन रतन (घुमारवीं)
शिक्षा और व्यापार की दृष्टि से जिले का अति महत्वपूर्ण शहर घुमारवीं कई वर्षों से पार्किंग की समस्या से जूझ रहा था। लेकिन पिछले साल नवंबर माह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से भराड़ी में की गई जनसभा के दौरान पार्किंग स्थल की आधारशिला रखने के बाद अब जैसे ही उसका काम शुरू किया गया है तो इस नए स्थान को लेकर लोगों में सुगबुगाहट तेज हो गई है। यह पार्किंग नगर परिषद कार्यालय से थोड़ी दूर व एसडीएम कार्यालय के समीप रहने बसेरा के पास बनाई जा रही है।
गौरतलब है कि यहां पर पहले से ही करीब 22 लाख रुपए खर्च करने के बाद एक पार्किंग का निर्माण किया गया था। लेकिन पिछले कई सालों से इस पार्किंग में एक भी वाहन खड़ा नहीं हो पाया। जबकि इस पार्किंग का प्रयोग केवल शहर का कूड़ा रखने के लिए ही किया जा रहा था। अब उसी स्थान पर और पैसा खर्च कर पार्किंग बनाए जाने पर कुछ लोग असहमत नजर आ रहे हैं। वही इस पार्किंग स्थल पर दोबारा पैसा खर्च करने पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है और उसका सबसे बड़ा कारण यही है कि 100 गाड़ियों के लिए बनाई जा रही इस पार्किंग के लिए गाड़ियों को पूरे शहर के बीचो-बीच होकर गुजरना पड़ेगा तथा गांधी चैक से पार्किंग स्थल तक जाने वाले रास्ते पर दिन भर लगने वाले जाम से भी लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि तंग सड़क होने के बाद यहां रोजाना घंटों जाम लगता है।
ऊपर से कुछ रसूखदार दुकानदारों की मनमानी से पूरा दिन इस सड़क पर लोडिंग व अनलोडिंग का काम होने की वजह से पूरा दिन गाड़ियों की रेलम पेल लगी रहती। बताते चलें कि इससे पहले साल 2015 में जो हर वार्ड नंबर 5 वजोहा वार्ड में पूर्व विधायक राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उस पार्किंग स्थल का उद्घाटन भी कर दिया था। एक करोड रुपए से बनने वाली उस पार्किंग पर लाखों रुपए खर्च किए गए थे।
वहीं पूर्व विधायक एवं सीपीएस राजेश धर्माणी का कहना है कि उन्होने अपने कार्यकाल के दौरान एक करोड़ रुपए पार्किंग के लिए मंजूर करवाए थे तथा बाकायदा पार्किंग स्थल का चयन के करने के बाद उसका उद्घाटन भी करवाया था लेकिन सरकार बदलने के बाद उस प्रस्तावित पार्किंग स्थान को बदलकर दूसरी जगह कर दिया गया। जबकि आज जिस जगह पर पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है वह उनके द्वारा मंजूर करवाए गए पैसों से ही बनाई जा रही है। अगर किसी को और कोई दूसरी जगह पर पार्किंग ही बनानी थी तो उसके लिए अलग से पैसा मंजूर करवाया जा सकता था तथा मंजूर किए गए पैसे का उपयोग उसी स्थान पर किया जाना चाहिए था। क्योंकि वह शहर भर में आने जाने वाले लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान था।