जिले के किसान का औषधीय पौधों, जड़ी बूटी व प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ा रुझान
रजनीश धीमान । घुमारवीं
जिला विलासपुर के किसान अब औषधीय व जड़ी बूटी की फसल की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जिले के रानीकोटला के नजदीक ढोभा क्षेत्र के कुछ लोग पिछले 2 सालों से इस दिशा में कार्य करते हुए अपनी आर्थिकी को सुदृढ कर रहे हैं। यहां पंचायत के उपप्रधान रणजीत कुमार के साथ गांव के 15 लोगों का समूह जुड़ कर इस जड़ी बूटी व औषधीय पौधों की खेती कर रहा है। पिछले वर्ष यहां के किसानों ने आठ क्विंटल तुलसी का उत्पादन कर मार्किट में विक्री किया।
तुलसी के पंचाग ( जड़, तना,पत्ते, बीज, फूल) का दाम 70 से 100 रुपये किलोग्राम तक मार्किट में इन किसानों को मिला है। इसके साथ ही यहां के किसान अब आह्वगंधा की खेती करना भी शुरू कर चुके हैं। इस समय यहां के देवेंद्र, रणजीत, हरिराम, बंगालूराम, सुंदर लाल, श्रवण, धर्म पाल, रत्न लाल, बाबूराम, सलिंद्र कुमार, अनिल, प्रदीप, प्रेमलाल आदि तुलसी व अशबगन्धा की खेती कर रहे हैं।
लोगों का रुझान बढ़ रहा है तो विभाग भी किसानों के लिए कार्य कर रहा है। ऐसे ही घुमारवीं उपमंडल के कसोल गांव के बचित्र सिंह चौहान जो निजी स्कूल अध्यापक थे उन्होंने वह नोकरी छोड़ प्राकृतिक खेती व तुलसी, अशबगन्धा, ब्राह्मी, अर्करा, कालमेघ व सहजन जैसी औषधीय जड़ी बूटियों की खेती शुरू कर दी।
उन्होंने बताया कि अभी तक ज्यादा रुझान प्राकृतिक खेती को नेचुरल तरीके से विकसित करने पर जोर है। इसके अलावा कुछेक जगह पर औषधीय खेती व जड़ी बूटियों को भी तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जड़ी बूटियों व औषधीय पौधों को तैयार करके किसान अच्छे दाम पा सकते हैं। डॉक्टर अभिषेक ठाकुर नोडल अधिकारी औषधीय पादप बोर्ड जिला बिलासपुर ने बताया कि जिला के किसान औषधीय खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। विभाग भी लगातार इस प्रकार की खेती करने की जानकारी किसानों को देता रहा है।
इसके अलावा अगर कोई अन्य भी इस प्रकार की खेती को करना चाहता है तो विभाग हर तरह से सहायता करेगा।