राजेश 5000 से अधिक लोगों को योग सिखा कर बना चुके हैं निरोग
घुमारवीं ( कुंदन रतन)
राजेश भरद्वाज भौतिकवादी जीवन शैली के बीच लोगों को योग व प्राणायाम के माध्यम से निरोग रहने की कला सीखा रहे हैं। गांव दिप्पर के रहने राकेेेश कुठेड़ा में डेंटल क्लीनिक चलाते हैं। करीब 5000 से अधिक लोगों को योग सिखा कर निरोग बना चुके हैं।
राकेश का कहना है कि 10 साल पहले हृदयाघात से हुई पिता की मौत के बाद जब उन्हें इस बात का पता चला कि अगर वह नियमित योग करते तो हृदयाघात जैसी घातक बीमारी से बच सकते थे। तब उन्होंने लोगों को ऐसी घातक बीमारियों से बचाने के लिए योग सीखने और फिर सिखाने का प्रण ले लिया और खुद को पूरी तरह से इसमें समर्पित कर दिया। 2011 में पतंजलि योग समिति से योग प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने लोगों को योग सिखाने का काम शुरू किया तथा उसके बाद वह आयुष मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से लेवल 2 की डिग्री भी प्राप्त कर चुके हैं तथा आज वह पतंजलि योग समिति में मंडल प्रभारी के रूप में कार्य कर लोगों को निरोग बनाने में जुटे हुए हैं।
लगातार 10 सालों से लोगों को योग सिखा कर निरोग बनाने में जुटे राजेश भारद्वाज इस कोरोना काल मे
भी हर रविवार को योग समिति की तरफ से लगाए जाने वाले ऑनलाइन कैंपों में लोगों को योग सिखा रहे हैं। इसके अलावा भारद्वाज नेपाल में भी अपने योग की अलख जगा कर वहां पर भी लोगों को योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं। भारद्वाज का कहना है कि उनका यही ध्येय है कि प्रत्येक घर से कम से कम एक व्यक्ति उनके साथ जुड़े ताकि जुड़ने वाले उस व्यक्ति के परिवार का हर सदस्य योग का फायदा ले सके।
उनका मानना है कि वर्तमान में लोगों के खान-पान रहन-सहन में काफी बदलाव आया है और भौतिकवादी चीजों में पीछे पूरी दुनिया भाग रही है। जिससे लोग मानसिक तनाव व कई प्रकार के शारीरिक व्याधि से ग्रस्त हो रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में लोग योग प्राणायाम के माध्यम से ही अपने मन व शरीर दोनों को चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं।